सुल्तानुल मुताकल्लामीन सय्यादुल मोहक्केकीन अल्लामा सय्यद मोहम्मद सिबतैन सिर्सीवी
आपकी किताबो के नाम - As-Seerat-us-savi part1
- As-Seerat-us-savi Part2
- Kashaf-ul-Asraar Part1
- Kashaf-ul-Asraar Part2
- Kashaf-ul-Asraar Part3
- Kashaf-ul-Asraar Part4
- Paigham-e-Tauheed
- Deeniyat barai itfaal
- Islami Namaz
- Khilafat-e-ilahiyya
- Mushafe Natik
- Tarjuma muqaddama wa khatema Kokab-e-durri kokab-e-durri
- Mawaeze Hasna
- Alburhan(Risalah)
सिरसी सादात ८००(800) साल पुराना क़स्बा है-सिरसी शुरू से ही इल्म और फन का गहवारा रहा है -बड़े बड़े साहिब-ऐ-कमाल उलेमा ,शोरा इस सर ज़मीं पर पैदा हुए और सिरसी का नाम रोशन किया जिनमे अल्लामा सय्यद मोहम्मद सिबतैन सिर्सिवी साहब अपने कारनामो कि वजह से मशहूर और मारूफ इन्सान गुज़रे हैं - शुरू कि तालीम सिरसी मे मुकम्मल करने के बाद जज़्बा-ऐ- हुसूल-ऐ-तालीम आपने सिरसी से सफ़र तय किया -कहा जाता है के मज़ीद तालीम हासिल करने के लिए आपके घर वाले सिरसी से बहार भेजने के मामले मे पस ओ पेश से काम ले रहे थे -दूसरी जानिब यही हालत हम जमात हकीम मोहम्मद अब्बास सिर्सिवी साहब कि थी-बेहर हाल किसी सूरत दोनों हम-जमात
किसी तरह जज़्बा-ऐ-हुसूल -ऐ- इल्म के लिए इजाज़त लेने मे कमेयाब होगये ---------